Wednesday 30 August 2017

योनी में खुजली, जलन, सूजन (दर्द) इन्फेक्शन के कारण और इलाज

लड़कियों और महिलाओं में होने वाली योनी से सम्बंधित खारिश (खुजली), जलन और इन्फेक्शन परेशानी का सबब और शर्मिंदगी का कारण बन सकती है| वैसे तो त्वचा की खुजली और जलन शरीर के किसी भी स्थान पर होने पर हमें टेंशन और irritation में डाल सकती है लेकिन जब यह खुजली और जलन योनी जैसी sensitive जगह पर हो तो इससे बड़ी irritating बात महिलाओं के लिए दूसरी कोई और नहीं होती| प्राइवेट पार्ट यानि महिलाओं के गुप्तांग में खुजली कई कारणों से हो सकती है और किसी को भी कभी भी हो सकती है| योनी की खुजली के साथ अकसर महिलाओं में दुसरे लक्षण भी देखने को मिलते हैं जैसे दर्द, जलन, सूजन, लालिमा, खुश्की आदि| इन लक्षणों के कारण अकसर महिलाएं अपने दैनिक कार्य ठीक से नहीं कर पाती| जयादातर खुजली और जलन इन्फेक्शन का लक्षण होती हैं जो की खतरनाक नहीं होती लेकिन सही निर्णय यही है की आप अपने डॉक्टर से पास जाकर अपनी समस्या का जल्द इलाज करवा लें|

योनी में खुजली, जलन और सूजन होने के कारण
जैसा की हमने ऊपर बताया की जयादातर प्राइवेट पार्ट्स में खारिश और जलन के पीछे इन्फेक्शन यानि संक्रमण ही जिम्मेदार होता है तथा सूजन, दर्द, खुश्की आदि इसी इन्फेक्शन के लक्षण होते हैं| आइये जानते हैं वो कौनसे कारण हैं जिनके द्वारा गुप्तांग में itching और irritation हो सकती  है|
Bacterial vaginosis
आमतौर पर लेडीज के गुप्तांग पर स्वस्थ प्रकार के बैक्टीरिया रहते हैं जिनसे कोई भी प्रॉब्लम नहीं होती लेकिन कभी कभी कई कारणों से बुरे बैक्टीरिया की संख्या ज्यादा हो जाती है और आपको प्राइवेट पार्ट  में बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो जाती है जिसके लक्षण होते हैं खुजली, जलन, सूजन और बदबूदार डिस्चार्ज होना|
Sexually transmitted disease (STDs)
STD यानि यौन रोग के द्वारा भी अकसर महिला को योनी की खारिश और दुसरे लक्षण होने की शिकायत होती है| नीचे कुछ यौन गुप्त रोग हैं जिनके कारण प्राइवेट पार्ट में खाज होना एक आम बात है|
  • Trichomoniasis – यह एक यौन रोग है जो trichomonas नामक परजीवी द्वारा फैलाया जाता है| यह अकसर छोटी उम्र की लड़कियों में असुरक्षित यौन संबंधों के कारण होता है| इसमें योनी पर खारिश, गुप्तांग से बदबू, जलन, और पीले हरे रंग के द्रव का स्त्राव होता है|
  • Chlamydia – यह एक बैक्टीरिया जनित रोग है जिसमें रोगी को योनी पर दर्द, सुजन , पेशाब में जलन और बदबूदार द्रव का स्त्राव होता है| यदि इसका इलाज ना हो तो बाँझपन और एक्टोपिक pregnancy का खतरा रहता है|
  • Gonorrhea – यह यौन रोग भी बैक्टीरिया द्वारा होता है| बार बार पेशाब आना और पेशाब में जलन होना, पीले रंग का डिस्चार्ज होना, योनी में सूजन और दर्द इसके मुख्य लक्षण होते हैं|
  • Genital Herpes – यह herpes simplex virus (HSV) द्वारा फैलाया जाता है इसमें गुप्तांग के आस पास दाने और घाव हो जाते हैं| इसमें रोगी को जलन , दर्द और काफी तेज खुजली रहती है|
यीस्ट इन्फेक्शन

यीस्ट इन्फेक्शन हर चार में से 3 महिलाओं को अपनी जिन्दगी में एक बार या उससे ज्यादा बार अपना शिकार बनती है| यह उन महिलाओं को अधिक होती है जो महिलाएं शराब, birth कण्ट्रोल पिल्स, ख़राब खान पान का सेवन करती हैं| मानसिक तनाव, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता, डायबिटीज द्वारा ग्रसित महिलाओं में भी यीस्ट इन्फेक्शन ज्यादा होने का खतरा रहता है| इसमें योनी से सफेद क्रीम रंग का डिस्चार्ज होता है, बदबू आती है, योनी में दर्द, जलन और सूजन रहती हैं और पेशाब और सम्भोग के समय दर्द और जलन होती है|

रजोनिवृत्ति (menopause)

रजोनिवृत्ति यानि एक उम्र के बाद जब महिलाओं का मासिक चक्र रुक जाता है तब महिला के शरीर में estrogenहोरमोन में कमी आती है जिसके प्रभाव से महिलाओं की योनी की त्वचा पतली और खुश्क हो जाती है जिससे जलन और irritation होने का खतरा रहता है|
इन कारणों के के अलावा योनी पर केमिकल युक्त पदार्थों का इस्तेमाल जैसे डिटर्जेंट, साबुन, deo, कक्रीम, टॉयलेट पेपर, कंडोम, सफाई सफाई की कमी आदि द्वारा भी इन्फेक्शन जलन और खुजली का खतरा रहता है| इनके अलावा दवाइयां, स्किन कंडीशन जैसे lichens sclerosus, genital warts गिले और टाइट undergarments पहनना भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार होते हैं|

योनी में जलन, खुजली और सूजन का इलाज क्या हैं | Vaginal itching, infection treatment

वैसे तो यदि आपकी समस्या के पीछे कोई बड़ा कारण नहीं है तो खुजली और दुसरे लक्षण अपने आप ही ठीक हो जायेंगे| लेकिन यदि आपको एक या दो दिन बाद भी आराम ना आये तो डॉक्टर से मिलिए| डॉक्टर आपकी योनी की जांच करेगी और डिस्चार्ज का सैंपल लेकर इन्फेक्शन के प्रकार के बारे में पता करेगी और आपको जरुरी उपचार देगी जैसे
STD होने पर आपको एंटीबायोटिक या एंटी परासिटिक दावा दी जाएगी|
यीस्ट इन्फेक्शन हों पर अकसर डॉक्टर रोगी को एंटी फंगल दावा और क्रीम लिखते हैं|
Menopause के केस में आपको estrogen क्रीम और टेबलेट दी जाती है|
अन्य प्रकार की खुजली और इन्फेक्शन में डॉक्टर आपको स्टेरॉयड युक्त क्रीम और inflammation कम करने वाली दावा भी दे सकता है|

योनी में खुजली , जलन और सूजन से बचने के घरेलु उपाय

आप निम्न उपाय अपनाकर भविष्य में प्राइवेट पार्ट की irritation और इन्फेक्शन से बच सकती हैं|
  1. सबसे पहले तो आपको अपने प्राइवेट पार्ट्स और अपने शरीर की साफ़ सफाई का खास खेयाल रखना होगा| रोजाना अपने प्राइवेट पार्ट को किसी माइल्ड खुशबू रहित साबुन से धोएं| ज्यादा नहीं धोना क्योंकि ऐसा करने से खुश्की यानि dryness बढ़ सकती है|
  2. प्राइवेट पार्ट पर deo, क्रीम, साबुन, खुशबूदार पैड्स आदि के इस्तेमाल से परहेज करिए| इनमें पाए जाने वाले chemicals आपकी त्वचा को irritate कर सकते हैं|
  3. सम्भोग करते समय हमेशा सुरक्षित सम्बन्ध बनाएं और यदि आपको प्राइवेट पार्ट में खुजली या infection है तो बेहतर होगा आप ठीक होने के बाद ही सम्भोग करें|
  4. हमेशा कॉटन वाले undergarment पहने और दिन में दो बार उन्हें बदलिए|
  5. खुजली वाली जगह को खुजाने से परेहज करें इससे इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है|
  6. भोजन में दही का ज्यादा इस्तमाल करें दही के गुड बैक्टीरिया आपके प्राइवेट पार्ट्स को इन्फेक्शन से बचने में मदद करते हैं|
  7. शौच करके के बाद गुप्तांगों के सफाई का विशेष ख़याल रखें|
योनी में खुजली, जलन और इन्फेक्शन जैसे लक्षण होने पर सबसे अच्छा इलाज यह होता है की आप ऐसे लक्षण दीखते ही अपने डॉक्टर के पास चले जायें| तो बहनों ऊपर दिए गए बचाव के टिप्स अपनाएं और सेहतमंद रहे ताकि आपको भविष्य में ऐसी समस्या ना हो|
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Saturday 26 August 2017

लिंग का ‘साइज’ बढ़ाने के टिप्स

पुरुषों में हीन भावना की जो सबसे आम समस्या है वह उनका अपने पेनिस (लिंग) के साइज को लेकर चिंतित रहना। अगर आप भी हैं इस परेशानी से पीड़ित हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है अपनाइए ये टिप्स और नैचरली बढ़ाइए अपने लिंग का साइज…

एक रिसर्च के मुताबिक़, ज्यादा फैट और कैलरी वाले खाने से न सिर्फ दिल की बीमारियों का खरता बढ़ जता है बल्कि पेनिस के छोटे होने का भी खतरा रहता है। ऐक्ससार्इज और शारीरिक मेहनत न करने पर आपके धमनियों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का भी खतरा रहता है, जिससे आपके लिंग में बल्ड सर्कुलेशन कम हो सकता है। इसलिए मोटे और स्वस्थ पेनिस (लिंग) के लिए जंक फूड खाना छोड़ दें।

इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां खाएं| उन फलों और सब्जियों को ज्यादा इस्तेमाल में लाएं जिनमें ऐंटि-ऑक्सिडेंट ज्यादा हो। यह कंपाउंड धमनियों में मौजूद फ्री रेडिकल्स से लड़ता है और धमनियों को मजबूत बनाता है। इसलिए ऐंटि-ऑक्सिडेंट से भरपूर फल और सब्जियों के सेवन से आप अपने पेनिस के साइज को बढ़ा सकते हैं।

इसके अलावा इसके लिए आपको स्मोकिंग छोड़नी पड़ेगी| सिगरेट के छोटे-छोटे कण धमनियों को ब्लॉक कर देते हैं जिससे शरीर के सभी हिस्सों तक पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुंच पाता और शरीर के ठीक से विकास नहीं हो पाता। यही बात शरीर के दूसरे हिस्से के साथ पेनिस पर भी लागू होती है। इसलिए स्मोकिंग करना बंद कर दें।

सिर्फ मजबूत मसल्स और वेट कम करने के लिए ही जिम जाने की वजह नहीं होती। अगर आप अपने पेनिस (लिंग) का साइज बढ़ाना चाहते हैं तो जिम जाइए, जिससे धमनियां का रास्ता साफ हो और बल्ड सर्कुलेशन भी ठीक ढंग से हो। ज्यादा भारीभरकम पेट से पेनिस (लिंग) छोटा लगने लगता है। भले ही पेनिस (लिंग) बड़ा भी है लेकिन आपके भारीभरकम पेट के सामने वह छोटा ही नजर आएगा। इसलिए पेट के फैट को कम करिए।

Thursday 24 August 2017

शीघ्रपतन (शीघ्र स्खलन, प्रिमेच्यूर ईजॅक्युलेशन) के लक्षण, कारण, उपचार, इलाज

स्खलन का अर्थ है लिंग के माध्यम से शरीर से वीर्य का स्राव होना। शीघ्र स्खलन या शीघ्रपतन (प्रिमेच्यूर ईजॅक्युलेशन या पीई) वह स्थिति है जिसमें किसी पुरुष का सेक्स के दौरान उसके साथी की तुलना में शीघ्र ही स्खलन हो जाता हैI कभी-कभी शीघ्र स्खलन को तेजी से स्खलन, समय से पहले चरमोत्कर्ष या जल्दी स्खलन के रूप में भी जाना जाता है।
सामान्यतः पीई चिंता का कारण नहीं है। लेकिन अगर यह सेक्स को कम आनंददायक बनाता है और आपके साथी के साथ रिश्तों पर प्रभाव डालता है तो यह निराशाजनक हो सकता है। ऐसा अक्सर होता है और समस्याएं बढ़ती जाती हैं क्योंकि आपके साथी की सेक्स संतुष्टि एक स्वस्थ और खुशनुमा जीवन के लिए आवश्यक हैं।
30% से अधिक पुरुष कभी न कभी समय से पहले स्खलन से पीड़ित हुए है। यह व्यक्ति के आत्मसम्मान को प्रभावित करता है और पार्टनर को असंतुष्ट छोड़ देता है। इस समस्या को अक्सर मनोवैज्ञानिक माना जाता है, लेकिन कुछ बायोलॉजिकल कारक भी हो सकते है।
स्खलन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है। जब पुरुष यौन उत्तेजित होते हैं, तो संकेत आपके रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क में भेजे जाते हैं। जब पुरुष उत्तेजना के एक निश्चित स्तर तक पहुँचते हैं, तब संकेत आपके दिमाग से आपके प्रजनन अंगों को भेजे जाते हैं। इससे लिंग (स्खलन) के माध्यम से वीर्य स्राव किया जा सकता है।

    शीघ्रपतन (शीघ्र स्खलन) के प्रकार - Types of Premature Ejaculation in Hindi

    1. लाइफलांग (प्राथमिक) शीघ्र स्खलन:- इस प्रकार का शीघ्र स्खलन आपके जीवन के पहले यौनिक संपर्क से लेकर जीवनभर या लगभग हमेशा होता है।
    2. अर्जित (माध्यमिक) शीघ्र स्खलन:- आपको बिना किसी समस्या के पूर्व यौन अनुभव के बाद अगर शीघ्र स्खलन की समस्या होती है तो उसे अर्जित या अक्वायर्ड शीघ्र स्खलन कहते हैं।

शीघ्रपतन (शीघ्र स्खलन) के लक्षण - Premature Ejaculation Symptoms in Hindi

 

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शीघ्र स्खलन के निम्नलिखित प्रमुख लक्षण हैं:-
  1. एक तेज उत्तेजना, स्तंभन और स्खलन प्रक्रिया।
  2. स्खलन आमतौर पर उत्तेजना के कुछ सेकंड या मिनट के भीतर हो जाता है।
हालांकि, सभी यौन स्थितियों में शीघ्र स्खलन की समस्या हो सकती है, हस्तमैथुन के दौरान भी। बहुत से पुरुषों का मानना ​​है कि उनको समयपूर्व स्खलन के लक्षण हैं, लेकिन वे लक्षण समयपूर्व स्खलन के लिए निर्धारित ​​मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं। इसके बजाय इन पुरुषों को प्राकृतिक परिवर्तन वाला समयपूर्व स्खलन हो सकता है, जिसमें तीव्र स्खलन के साथ-साथ सामान्य स्खलन की अवधि भी शामिल है। (और पढ़ें - यौनशक्ति कम होने के कारण)

शीघ्रपतन (शीघ्र स्खलन) के कारण - Premature Ejaculation Causes in Hindi

 

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समय से पहले स्खलन का सही कारण ज्ञात नहीं है। हालांकि यह पहले केवल मनोवैज्ञानिक माना जाता था, पर अब डॉक्टरों को पता है कि समय से पहले स्खलन में मनोवैज्ञानिक और जैविक कारकों का जटिल संपर्क शामिल है।
मनोवैज्ञानिक कारण
  1. प्रारंभिक यौन अनुभव।
  2. यौन शोषण।
  3. अपने शरीर के रूप के प्रति नाकारात्मक छवि।
  4. डिप्रेशन
  5. समय से पहले स्खलन के बारे में चिंता करना।
  6. दोषी होने की भावनाएं जो यौन संपर्क के माध्यम से भागने की आपकी प्रवृत्ति को बढ़ाती हैं।
  7. जिन पुरुषों को स्तंभन दोष हैं, उनमें जल्दी स्खलन हो सकता हैं, जो कि बदलना मुश्किल हो सकता है। चूंकि स्खलन के बाद उत्तेजना दूर हो जाती है इसलिए यह जानना मुश्किल हो सकता है कि समस्या पीई है या स्तंभन दोष (ईडी)। ईडी का पहले इलाज किया जाना चाहिए। एक बार ईडी का इलाज होने के बाद शीघ्र स्खलन समस्या नहीं रहेगा।
  8. शीघ्र स्खलन का कारण कई लोगो में चिंता की समस्याएं भी हो सकता है, विशेष रूप से यौन प्रदर्शन या अन्य मुद्दों से संबंधित चिंता।
  9. रिश्ते संबंधी समस्याएं भी शीघ्र स्खलन का कारण हो सकती हैं।
बायोलॉजिकल कारण
  1. थायरॉयड ग्रंथि या शरीर में यौन हार्मोन के असामान्य स्तर के साथ हार्मोनल समस्याएं।
  2. मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर के साथ समस्याएं, जिससे मस्तिष्क के आनंद केंद्रों को सही संकेत देने में विफल हो जाते हैं।
  3. आपकी स्खलन प्रणाली के प्रतिवर्त (रिफ्लेक्स) तंत्र के साथ समस्याएं।
  4. मूत्रमार्ग या प्रोस्टेट में संक्रमण।
  5. आनुवंशिकता।
  6. सर्जरी या मानसिक आघात के कारण तंत्रिका या संवेदी प्रणाली में क्षति।

शीघ्रपतन (शीघ्र स्खलन) के बचाव के उपाय - Prevention of Premature Ejaculation in Hindi

 

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  1. शीघ्र स्खलन से बचने के लिए अन्य यौन सुखों पर ध्यान दें। इससे चिंता कम हो सकती है और आपको स्खलन पर बेहतर नियंत्रण प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
  2. स्खलन रिफ्लेक्स (शरीर का एक स्वत: रिफ्लेक्स, जिसके दौरान स्खलन होता है) को रोकने के लिए एक गहरी सांस लें।
  3. अपने साथी के साथ सेक्स करते हुए उसे ऊपर रहने को कहें (जब आप स्खलन के करीब हो तो वो दूर हट सके)।
  4. सेक्स के दौरान रुके और कुछ उबाऊ चीज के बारे में सोचे।

शीघ्रपतन (शीघ्र स्खलन) का निदान - Diagnosis of Premature Ejaculation in Hindi

आपके यौन जीवन के बारे में पूछने के अलावा, आपका डॉक्टर आपके स्वास्थ्य के इतिहास के बारे में पूछेगा और शारीरिक परिक्षण भी कर सकता है।
यदि आपको समय से पहले स्खलन और उत्तेजना लाने या बनाए रखने दोनों में समस्या है, तो आपका डॉक्टर आपके पुरुष हार्मोन (टेस्टोस्टेरोन) के स्तर की जांच के लिए रक्त परीक्षण या अन्य परीक्षण कर सकता है।
कुछ मामलों में, आपका चिकित्सक सुझाव दे सकता है कि आप मूत्र रोग विशेषज्ञ या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के पास जाएँ, जो यौन रोग के विशेषज्ञ भी हो।

शीघ्रपतन (शीघ्र स्खलन) का उपचार - Premature Ejaculation Treatment in Hindi


1. अपने स्खलन रिफ्लेक्स पर नियंत्रण पाएं
नियमित रूप से (प्रति सप्ताह तीन से पांच बार) संवेदनशीलता और उत्तेजना के स्तर के आदी बनने के लिए स्वयं उत्तेजक (हस्तमैथुन) से शुरू करें। अलग-अलग संवेदनाओं का आदि होने के लिए गीले हाथ और सूखे हाथ दोनों के साथ हस्तमैथुन करने की कोशिश करें।
जब तक आपको वीर्यपात होना महसूस हो, तब तक हस्तमैथुन करते हुए नियंत्रण करने का प्रयास करें, वीर्यपात होने से पहले ही हस्तमैथुन रोक दें, अब उत्तेजना कम हो जाने दे, लगभग पांच मिनट या उससे अधिक और तब फिर से हस्तमैथुन करना शुरू करें। अंततः वीर्यपात होने से पहले तीन या चार बार इस क्रिया का प्रयोग करें।
इस क्रिया का अभ्यास करने से आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि आपका "गैर-वापसी का बिंदु" कहां है, ताकि साथी से सेक्स के दौरान जब आपको लगता है कि वीर्यपात होने वाला है, तो आप यौन स्थितियों को बदलने के लिए लिंग बाहर खींच लें। इससे एक पल के लिए वीर्यपात रोक सकते हैं।
दूसरा, आप अपना स्ट्रोक बदल सकते हैं (सेक्स के दौरान अंदर और बाहर के बजाय आप अपने साथी के अंदर अपने लिंग को छोड़ सकते हैं और सर्कल में जा सकते हैं, जो थोड़ा कम उत्तेजक हो सकता है)। स्खलन पर नियंत्रण पाने के लिए आपके 'गैर-वापसी का बिंदु' का क्या अर्थ है, यह जानना महत्वपूर्ण है।

2. पैल्विक फ्लोर मांसपेशी व्यायाम
तीन महीने के नियमित पैल्विक फ्लोर मांसपेशियों के अभ्यास के बाद 55 पुरुषों के ऊपर एक छोटे से अध्ययन में पेनाइल फंक्शन में सुधार देखा गया और छह महीने बाद 40 प्रतिशत पुरुषों ने सामान्य स्तंभन फंक्शन पुनः प्राप्त कर लिया था।
अपने पैल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को पहचानें। जब पेशाप करते-करते उसे बीच में रोकते हैं तो इसके लिए आपके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मांसपेशियां आपके पैल्विक फ्लोर की मांसपेशियां हैं। जब आप इन मांसपेशियों को सिकोड़ते हैं तो आपके अंडकोष ऊपर उठ जाते हैं।
अब जब आप जानते हैं कि ये मांसपेशियां कहाँ हैं, उन्हें 5 से 20 सेकंड के लिए सिकोड़े और फिर उन्हें सामान्य रूप में छोड़ दे। इस अभ्यास को एक साथ 10 से 20 बार दोहराएं, दिन में तीन से चार बार आप यह अभ्यास कर सकते हैं।

3. कंडोम का इस्तेमाल करें 
कंडोम का उपयोग करने से स्खलन के समय को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। वे संभोग के दौरान संवेदनशीलता को कम करने का काम करते हैं, इसलिए वे शीघ्र स्खलन की समस्या के लिए सहायक हो सकते हैं। ऐसे ब्रांड के कंडोम का प्रयोग करें जो आकार में थोड़े मोटे (थिक) हो।

4. सेक्स से पहले हस्तमैथुन करें
बहुत से पुरुषों को दूसरी बार उत्तेजना के दौरान कम संवेदनशीलता का अनुभव होता है। अक्सर समय से पहले स्खलन के लिए एक अच्छा इलाज है - एक बार सेक्स से पहले ही वीर्यपात करना (शायद संभोग के दौरान), और फिर उत्तेजना प्राप्त करके अपने साथी को खुश करने के लिए आगे बढ़ें। दूसरी उत्तेजना का उपयोग लंबे समय तक कर सकेंगे।
हालांकि कुछ जोड़ों ने शुरू में इस तरीके के बारे में शिकायत की है, लेकिन इसने बहुत से जोड़ों के लिए बहुत अच्छा काम किया है। (और पढ़ें - महिलाओं और पुरुषों को यौन विकारों से बचना है तो ज़रूर मानें बाबा रामदेव की बात)

5. ड्रग्स और सुन्न करने वाली क्रीम या स्प्रे
पीई यानी शीघ्र स्खलन का इलाज करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में किसी ड्रग्स को मंजूरी नहीं दी गई है। फिर भी, कुछ दवाएं और क्रीम या स्प्रे है। जो पीई से पीड़ित पुरुषों में स्खलन धीमा करने के लिए प्रायोगिक स्तर पर उपयोगी पायें गए हैं।
कृपया ध्यान दें कि निम्न दवाएं केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से बताई गयी है। सख्त हिदायत दी जाती है कि किसी भी दवा को एक अच्छे डॉक्टर की सिफारिश के बिना न लें।
डॉक्टरों ने प्रायोगिक चरण में यह पाया है कि एंटीडिप्रेसेंट के प्रयोग से पुरुषों और महिलाओं में ओर्गास्म प्राप्त करने में देरी होती है। फ्लूक्सैटिन (Fluoxetine), परोक्सेटीन (Paroxetine), सर्ट्रालाइन (Sertraline) और क्लॉमिप्रामाइन (Clomipramine) जैसे ड्रग्स सेरोटोनिन के स्तर को प्रभावित करते हैं। पीई का इलाज करने के लिए डॉक्टरों ने इन दवाओं का इस्तेमाल "ऑफ-लेबल" (दवा के मूल उपयोग से अलग कारण के लिए) करना शुरू कर दिया।
पीई के लिए दवाएं हर दिन या केवल सेक्स से पहले ही ली जा सकती हैं। आपका डॉक्टर आपकी गतिविधि स्तर के आधार पर तय करेगा कि आपको कौनसी दवा लेनी चाहिए। दवा लेने का सबसे अच्छा समय स्पष्ट नहीं है। ज्यादातर डॉक्टर सेक्स से पहले 2 से 6 घंटे का सुझाव देते हैं। यदि आप ये दवाएं लेना बंद कर देते हैं तो पीई वापस आ सकता है। पीई वाले अधिकांश लोगों को एक निरंतर आधार पर इन दवाओं को लेने की जरूरत होती है।
ये क्रीम या स्प्रे लिंग के मुँह पर 20 से 30 मिनट सेक्स से पहले लगाए जाते हैं। यदि आप उपयोग के लिए निर्धारित मात्रा से अधिक समय तक अपने लिंग पर क्रीम या स्प्रे छोड़ते हैं, तो आपकी उत्तेजना समाप्त हो सकती है, इसलिए मात्रा संबंधी निर्देशों का सख्ती से पालन करें। सेक्स से 5 से 10 मिनट पहले अपने लिंग पर लगे क्रीम या स्प्रे को धो लें। इसे सेक्स के दौरान लिंग पर बिलकुल भी लगा न रहने दे, क्योंकि आपके साथी की योनि को नुकसान हो सकता हैं।

शीघ्रपतन (शीघ्र स्खलन) के जोखिम और जटिलताएं - Premature Ejaculation Risks & Complications in Hindi

 

विभिन्न कारक समय से पहले स्खलन के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, इनमें शामिल हैं:
  1. स्तंभन दोष:- यदि आप को कभी-कभी या लगातार उत्तेजना प्राप्त करने या बनाए रखने में परेशानी हो, तो आपको समय से पहले स्खलन का खतरा बढ़ सकता है।
  2. तनाव:- आपके जीवन के किसी भी क्षेत्र में भावनात्मक या मानसिक तनाव शीघ्र स्खलन में भूमिका निभा सकते हैं। आपकी आराम करने की क्षमता और यौन संपर्क के दौरान ध्यान देने की आपकी क्षमता को सीमित कर सकते हैं।
  3. तनाव और रिश्ते की समस्याएं:- शीघ्रपतन से आपके निजी जीवन में भी समस्याएं हो सकती हैं। शीघ्रपतन की एक आम जटिलता संबंध में तनाव का उत्त्पन होना है।

Sunday 20 August 2017

इन 5 स्‍टेप से केवल 7 दिनों में घटायें पेट की चर्बी

पेट की चर्बी आपके लुक तो बिगाड़ती ही है साथ ही यह कई बीमारियों को भी न्योता देती है। आज के दौर में ज्यादातर लोगों की समस्या है पेट पर जमा फैट। इसका मुख्य कारण है कि लोग आराम तलब हो गए हैं जिससे उनकी शारीरिक गतिविधि कम हो रही है।

खुद को एक्टिव रखने के लिए जरूरी है कि आप व्यायम के साथ अपने आहार पर खास ध्यान दें। अगर आप अपने बढ़ते पेट से परेशान हो गए हैं तो आपकी इस समस्या को समझते हुए हम आपके लिए पांच ऐसे स्टेप्स लाए हैं जो महज सात दिनों में आपके पेट पर जमा अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करेंगे।

पहला कदम

पेट कम करने के लिए क्रंचिंग को सबसे अच्छा। माना जाता है। क्रंच के बाद, कार्डियो, मसल्स बिल्डिंग और बाद में एब्सं एक्सटरसाइज। हफ्ते में 20 मिनट कार्डियो एक्सरसाइज, 15 मिनट मसल बिल्डिंग और 5 मिनट केवल एब्स एक्सरसाइज करनी चाहिये। क्रंच में बस आपको अपनी टांगें एकदम सीधी रखनी होती हैं। इससे पेट की मसल्स पर बहुत तेजी से असर होता है। रिवर्स क्रंच को कोर मसल्स मजबूत करने के लिए पांचवीं सबसे अच्छी एक्सरसाइज माना गया है।
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दूसरा कदम

पेट कम करने के लिए संतुलित आहार का सेवन जरूरी है। खाने में विटामिन-सी युक्त आहार जैसे नींबू, अंगूर, बेर और संतरे को शामिल करें क्योंकि यह फैट को जल्द से जल्द बर्न करके शरीर को शेप में लाने में मदद करते हैं। साथ ही गाजर, पत्ता  गोभी, ब्रोकली, सेब और तरबूज आदि शरीर से पानी और वसा सोखने में बहुत सहायक होते हैं। इसके अलावा ज्यादा वसा युक्त आहार से दूर रहें।

तीसरा कदम

दिन भर की थकान के बाद रात को 6-8 घंटे की नींद जरूर लें। इससे कम समय की नींद आपके हार्मोन को फैट एकत्र करने के लिए प्रेरित कर सकती है। साथ ही पर्याप्त नींद लेने से आप सुबह हल्का व फ्रेश महसूस करेंगे जिससे आपका फैट घटाने का सपना जल्द पूरा हो सकेगा।

चौथा कदम

तनाव मोटापे की एक बड़ी वजह है। आधुनिक समय में शायद ही कोई ऐसा हो जिसे तनाव न हो क्योंकि तनाव आज के लाइफस्टाइल की देन है। अक्सर तनाव व चिंताग्रस्त होने की वजह से लोगों को ज्यादा भूख लगती है। शरीर की चयापचय प्रक्रिया धीमी हो जाती है नतीजतन शरीर में एकत्र कैलोरी का नष्ट होना मुश्किल हो जाता है। इस वजह से मोटापा बढ़ता है।

पांचवा कदम

नियमित योग के जरिए भी पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है। जैसे धनुर आसन इस आसन को करने के लिए आप पहले पेट के बल लेट जायें। इस पोजीशन में आपके हाथ नीचे की ओर होने चाहिये। धीरे-धीरे अपने पैर और सिर व कंधा ऊपर की ओर उठायें। सही पोजीशन आने पर अपने हाथों से पैरों को कस कर पकड़ लें। इस पोजीशन में करीब 10 सेकेंड तक बने रहें। इसके अलावा पश्चिमोत्थालन आसन इस आसन क्रिया में आपके पेट पर दबाव पड़ता है, जिसका सीधा प्रभाव पेट की चर्बी पर पड़ता है। इससे आपका पेट अंदर की ओर पुश होगा। यदि आपका पेट आगे की ओर कुछ ज्यादा ही निकल आया है तो इस आसन से आपको काफी लाभ होगा।
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Wednesday 16 August 2017

किडनी स्टोन के असहनीय दर्द का ये है पक्का इलाज!

किडनी स्टोन यानी की गुर्दे की पथरी का दर्द असहनीय होता है। यह समस्या इतनी आम हो गई है कि इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह रोग पीड़ा देने के साथ-साथ और भी बहुत सारी परेशानियों को न्यौता देता है।

किडनी स्टोन हमारे ही गलत खान-पान का नतीजा है। पथरी होने का मुख्य कारण आपके शरीर मे अधिक मात्रा मे कैल्शियम का होना है जब नमक एवं अन्य खनिज (जो आपके मूत्र में मौजूद होते हैं) वे एक दूसरे के संपर्क में आते है तो पथरी का निर्माण होने लगता है, जिसे किडनी स्टोन कहा जाता है।

पथरी का आकार अलग-अलग हो सकता है। कुछ तो रेत के दानें की तरह बहुत छोटी तो कुछ मटर के दाने से भी बड़ी हो सकती है। वैसे तो छोटी पथरी को दवाइयों और देसी नुस्खों की मदद से मूत्र राही बाहर निकाला जाता है लेकिन आकार में बड़ी पथरी मूत्र द्वारा बाहर नहीं निकल पाती, जिससे कई बार मूत्र भी रुक जाता है जो काफी कष्टदायी होता है।

किडनी स्टोन के सामान्य लक्षण 

पीड़ा के अलावा अगर मूत्र में जलन हो तो यह भी किडनी स्टोन का लक्षण हो सकता है लेकिन पेशाब में जलन के और भी बहुत सारे कारण हो सकते हैं इसलिए डॉक्टर  से चेकअप जरूर करवाएं।
भूख कम लगना, मूत्र में बदबू या खून के अंश होना या चक्कर आना भी इसके लक्षणों में ही आता है।
मासिक धर्म के दौरान अगर महिला के पेट के निचले भाग में अक्सर दर्द रहता है तो यह भी गुर्दे की पथरी का ही संकेत हो सकता है।

सबसे पहले करें परहेज 

पथरी की तकलीफ होने पर कुछ चीजों का परहेज करना चाहिए। जिस व्यक्ति को पथरी की शिकायत है वह चुना न खाएं। बहुत सारे लोग पान में इसे डालकर खाते हैं।

बीजों वाले फल और सब्जियों जिसमें ऑक्जेलेट क्रिस्टल की मात्रा अधिक होती है उन्हें न खाएं बल्कि केला नारियल पानी, करेला, चना और गाजर का सेवन करें। यह पथरी बनने की प्रक्रिया को रोकते हैं।

पत्थर चट्ट से पथरी का इलाज

पत्थर चट्ट एक तरह का पौधा है जिसे हिंदी में पत्थरचट्टा, पाषाणभेद, पणफुट्टी, भष्मपथरी भी कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम "Bryophyllum pinnatum"है! यह स्वाद से खट्टा और नमकीन होता है।

सेवन की विधि: पत्थरचट्टा के 2-3 पत्तों को अच्छी तरह से पानी से धो लें और सुबह खाली पेट हल्के गर्म पानी के चबाकर खाएं। याद रखें कि इसका सेवन करने के 1 घंटे तक आपको कुछ खाना या पीना नहीं है और इसका सेवन खाली पेट ही करना है। एक सप्ताह के अंदर आपकी पथरी विघटित होकर आपके शरीर से बाहर निकल जाएगी।

अन्य घरेलू उपाय

पथरी का दर्द इतना भयंकर होता है कि व्यक्ति जल्द से जल्द इससे छुटकारा पाना चाहता है हालांकि ज्यादा दर्द होने पर डॉक्टरी चेकअप कराना बहुत जरूरी है लेकिन अगर आप इसके साथ कुछ घरेलू नुस्खे अपनाएंगे तो गुर्दे की पथरी से निजात पाने में यह मददगार साबित होंगे। अगर आप सही ढंग से इन घरेलू उपचारों का पालन करेंगे तो आपको इसका हैरान कर देने वाले परिणाम मिलेंगे।

प्याज

प्याज में किडनी स्टोन के इलाज के औषधीय गुण पाए जाते हैं। पके प्याज का जूस कुछ इस तरह से पीएं। 2 माध्यम आकार के प्याज छील लें। एक ग्लास पानी डालें और दोनों प्याज को मध्यम आंच पर उसमें पका लें।  जब वे अच्छी तरह से पक जाएं तो उन्हें ठंडा होने दें फिर उसे ब्लेंडर में अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें और बाद में प्याज का गुद्दा और रस छानकर अलग कर लें। 3 दिनों तक लगातार इस रस का सेवन करें। यह  घरेलू उपाय राम बाण का काम करता है और दूसरे दिन से ही पथरी बाहर निकलनी शुरू हो जाती है।

अंगूर का सेवन 

किडनी स्टोन को दूर करने के लिए अंगूर काफी फायदेमंद होता है क्योंकि इनमें पोटेशियम, नमक और पानी भरपूर मात्रा तथा अलबूमीन और सोडियम क्लोराइड बहुत हीं कम मात्रा में होते हैं, जिनकी वजह से इन्हें गुर्दे की पथरी के उपचार के लिए बहुत हीं उत्तम माना जाता है।

आंवला

 मूली के साथ आंवले का चूर्ण खाने से गुर्दे की पथरी निकल जाती है। इसमें अलबूमीन और सोडियम क्लोराइड बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है, जिनकी वजह से इन्हें गुर्दे की पथरी के उपचार के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है।

तुलसी के पत्ते

तुलसी के पत्तों में विटामिन बी पाया जाता है जो पथरी से निजात दिलाने में मदद करता है। यदि विटामिन बी-6 को विटामिन बी ग्रुप के अन्य विटामिंस के साथ सेवन किया जाए तो किडनी स्टोन के इलाज में मदद मिलती है। शोधकर्त्ताओं के अनुसार,  100 से 150 मिग्रा (विटामिन बी युक्त) की नियमित खुराक लेने से गुर्दे की पथरी से निजात मिलती है।

काली मिर्च

काली मिर्च भी गुर्दे की पथरी से निजात दिलाती है, काली मिर्च का सेवन बेल पत्‍तर के साथ करने से दो सप्‍ताह में गुर्दे की पथरी पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है।

जीरा 

जीरा और चीनी को समान मात्रा में लेकर पीस लीजिए, इस चूर्ण को एक-एक चम्मच ठंडे पानी के साथ रोज दिन में 3 बार लीजिए। इससे बहुत जल्दी पथरी से राहत मिलती है।
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Saturday 12 August 2017

जानें क्‍या 20 साल के बाद भी बढ़ सकती है लंबाई

एक बार हड्डियां के बढ़ना रूकने के बाद, लंबाई को बढ़ाने की सीमा तय हो जाती है। फिर लंबाई को बढ़ना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि स्‍ट्रेचिंग की मदद से अपने पॉश्‍चर में सुधार कर अपनी लंबाई बढ़ा सकते हैं। आपको विश्‍वास नहीं हो रहा न तो आइए इस आर्टिकल के माध्‍यम से जानें यह कैसे संभव है।

लड़कियां की लंबाई 11.5 वर्ष और लड़कों की लंबाई 13.5 वर्ष तक ही बढ़ती है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथर्न कैलिफोर्निया वेबसाइट के डॉक्‍टर लॉरेंस एस नैनस्‍टीन के अनुसार, लड़कों को लड़कियों की तुलना में हड्डियों की ग्रोथ बंद होने से पहले लंबाई बढ़ाने का दो साल का लंबा समय मिलता है। लेकिन वयस्‍कों में लंबाई बढा़ने के लिए स्‍ट्रेच एक अच्‍छा आइडिया है, क्‍योंकि यह रीढ़ की हड्डी में संकोचन को कम करता है। अमेरिकी कॉसिल ऑफ एक्‍सरसाइज के अनुसार, स्‍ट्रेचिंग से आपको पॉश्‍चर में सुधार करने और लंबाई की सीमा बढ़ाने में मदद मिलती हैं। 

स्टेप 1

ताड़ासन को पर्वत योग मुद्रा भी कहते हैं। इस स्‍ट्रेच योग को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर दरी बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैर को आपस में मिलाकर और दोनों हथेलियों को अपने बगल में रखें फिर पूरे शरीर को स्थिर रखें और दोनों पैरों पर अपने शरीर का वजन सामान रखें। उसके बाद दोनों हथेलियों की अंगुलियों को मिलाकर सिर के ऊपर ले जाएं। हथेलियों सीधी रखें और  सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचिए, जिससे आपके कंधों और चेस्‍ट में भी स्‍ट्रेच आएगा। इसके साथ ही पैरों की एड़ी को भी ऊपर उठाएं और पैरों की अंगुलियों पर शरीर का संतुलन बनाए रखिए। इस स्थिति में कुछ देर रहें। इस योगाभ्यास करते समय में पूरे शरीर में उपयुक्त रूप से स्‍ट्रेच महसूस होता है। 'योग जर्नल' वेबसाइट के अनुसार यह मुद्रा आपको रीढ़ की हड्डी को सीधा करने में मदद करती है। सीधा खड़ा होना, गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव का विरोध कर आपकी लंबाई को 30 की उम्र के बाद भी बढ़ता है।

स्‍टेप 2

भुजंगासान को कोबारा पोज भी कहते हैं। इस आसान में चेहरे पर स्‍ट्रेच महसूस करते हुए अपनी उंगालियों को कंधों की तरफ और कोहनी को अपनी साइट में रखते हैं। साथ ही अपने शरीर के निचले हिस्‍से पर दबाव बनाये रखते हैं। अपनी बाहों को सीधा रखते हुए शरीर के ऊपरी हिस्‍से को ऊपर की तरफ और निचले हिस्‍से को जमीन पर रखते हैं। ऊपरी हिस्‍से को तब तक ही उठाते हैं, जितना की आप आराम से उठा सकें। अपनी रीढ़ में स्‍ट्रेच महसूस करें। सांस छोड़ते और 15 की गिनती करते हुए धीरे-धीरे अपने ऊपरी हिस्‍से को नीचे लायें। इससे आपके चेस्‍ट और पेट की मसल्‍स में स्‍ट्रेच  होगा। इसको नियमित करने से लंबाई बढाई जा सकती है। इस मु्द्रा को नियमित रूप से करने लंबाई बढ़ाने में मदद मिलती है क्‍योंकि इससे आप बैठते, उठते और खड़े होते समय रीढ़ की हड्डी लंबा बनाये रखने में मदद मिलती है।

स्‍टेप  3

शॉवर लेने के बाद भी नियमित रूप से स्‍ट्रेच करें क्‍योंकि इस समय आपकी मसल्‍स गर्म होती है। पांच मिनट एक ही जगह चलने के बाद धीरे-धीरे अपने दोनों हाथों को हिलायें और पैरों को ढीला छोड़कर तनाव को रिलीज करें। फिर एक समय में एक हाथ को ऊपर की तरफ स्‍ट्रेच करें। अब अपने पैर की उंगलियों से लेकर हिप्‍स और कंधे तक बॉडी की एक साइड को स्‍ट्रेच करें। फिर दूसरी तरफ से ऐसा ही करें और तीन से पांच बार दोहरायें।

स्‍टेप 4

क्‍लॉस या होम एक्‍सरसाइज वीडियो के माध्‍यम से योग या पिलेट्स करें, जिससे आपके पूरे शरीर का स्‍ट्रेच हो सकें। योग या पिलेट्स को नियमित करने अच्‍छी मुद्रा को एक आदत बनाने में मदद मिलती है और मसल्‍स को मजबूती मिलती है जिससे आपकी रीढ़ और अंगों को उचित एलाइनमेंट मिलती है। नियमित रूप से स्‍ट्रेचिंग रीढ़ की हड्डी पर संकोचन को कम करने में मदद करता है जिससे आप 30 साल की उम्र के बाद भी लंबाई बढ़ा सकते है। हालांकि इस बात के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

टिप्स

योग के सही मुद्रा एक योग्‍य योग प्रशिक्षक की मदद से सीखें। 
कई स्वास्थ्य केन्द्र, योग केंद्र और सामुदायिक कॉलेज योग शिक्षा प्रदान करते हैं।

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Thursday 10 August 2017

वजन बढ़ाने के लिए आप भी अपना सकते हैं ये बेहद आसान उपाय

एक तरफ जहां दुनिया के 70 प्रतिशत लोग वजन बढ़ने से परेशान हैं, तो वहीं 20 प्रतिशत अपने दुबलेपन से परेशान हैं. सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ही हेल्दी लाइफ एन्जॉय कर रहे हैं. कमजोरी से फर्क सबसे पहले शरीर के बाहरी हिस्से पर दिखता है.
कई लोगों को शादी से पहले इस समस्या से परेशान देखा जाता है तो ऐसे में क्या खाएं, कौन-सी एक्सरसाइज अपनाएं जिससे दुबलेपन से छुटकारा मिल सके.

आइए जानें इस समस्या को दूर करने के टिप्स...

- दिन की शुरुआत हल्के-फुल्के एक्सरसाइज और योग से करें, क्योंकि इससे भूख बढ़ती है.
- ब्रेकफास्ट में दूध, मक्खन और घी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें. शरीर को हेल्दी रखने के साथ ही ये वजन बढ़ाने में मददगार होते हैं.
- प्रोटीन एनर्जी का अच्छा स्रोत होता है. इसके लिए दाल, फिश, चिकन, मटन और अंडा खाना ठीक रहेगा.
- किशमिश रात में भिगो दें और सुबह खाएं. दो-तीन महीने में फर्क नजर आने लगेगा. साथ ही किशमिश फैट को हेल्दी कैलोरी में बदलने का काम करता है.
- दुबलेपन को दूर करने के लिए अखरोट खाना भी अच्छा ऑप्शन रहेगा, क्योंकि इसमें मोनो अनसैचुरेटेड फैट होता है. यह काफी फायदेमंद होता है.
- केले को संपूर्ण आहार माना गया है. रोजाना तीन-चार केले खाने से जल्द ही फर्क दिखाई देने लगता है.
- आलू की मात्रा को भी खाने में बढ़ाएं. आलू कार्बोहाइड्रेट का खजाना है. इसे खाकर जल्द ही वजन बढ़ाया जा सकता है.
- कुछ दिनों के लिए खाने को सरसों और रिफाइंड तेल में न पकाकर नारियल तेल में पकाएं. नारियल तेल भी दुबलेपन की समस्या को दूर करने में फायदेमंद होता है.
- डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही और पनीर में फैटी एसिड्स मौजूद होते हैं और साथ ही बहुत ज्यादा मात्रा में कैलोरी भी.
- भरपूर नींद लें. 7-8 घंटे की नींद लेने से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है.
- खजूर को या छुहारे को दूध में उबालें. रात को सोने से पहले अच्छे से चबाकर खाएं और दूध पी लें. दो-तीन महीने तक लगातार खाने से फायदा होगा.
- कब्ज, अपच और गैस की समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि कई बार कमजोरी के पीछे ये कारण भी होते हैं.
- ब्लड की कमी होने से भी दुबलेपन की समस्या हो सकती है.
- हॉर्मोन्स की गड़बड़ी से भी शरीर कमजोर होने लगता है.
- स्ट्रेस, किसी प्रकार की चिंता और नींद की कमी एकदम से घटते वजन के पीछे की वजह होती है.

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Tuesday 8 August 2017

जोड़ के दर्द को दूर करे ये आहार

हम जो भी खाते हैं, उसी की तरह बन जाते हैं। यानी की खाना अच्‍छा हो या बुरा, हमारे शरीर पर उसका बहुत प्रभाव पड़ता है। आजकल जोडो़ का दर्द होना आम बात बन चुकी है जो कि लोंगो को उनकी 30 की उम्र से शुरु हो जाता है। यह एक प्रकोप की तरह है जो आजकल के छोटे उम्र के युवाओं को भी होने लग गया है। जोड़ का दर्द पैरों के घुटनों, गुहनियों, गदर्न, बाजुओं और कूल्‍हों में हो सकता है। व्‍यायाम के अलावा आपका खान-पान पौष्टिक और हेल्‍दी होना चाहिये, जो जोड़ के दर्द को कम कर के तुरंत आराम दिलाए। यहां पर 6 बेस्‍ट फूड दिये हुए हैं जो कि जोड़ के दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

आहार जो कम करें जोडो़ के दर्द को-

साल्‍मन मछली 
यह मछली ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्‍दा स्‍त्रोत होती है। यह जोडो़ के दर्द से पैदा हुई सूजन को कम करने में मदद करती है।

बैरी 
स्‍ट्रॉबेरी या ब्‍लूबेरी जोडो़ के दर्द को कम करती हैं और आराम दिलाती हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट खासकर के बायोफ्लेवोनाइड दर्द को बहुत हद तक कम करता है।

सब्‍जियां 
ओमेगा 3 फैटी एसिड अगर बैलेंस ना हो तो जोडो़ का दर्द पैदा हो सकता है इसलिये इसे बैलेंस करने के लिये हरी सब्‍जियां जैसे, पालक, ब्रॉक्‍ली, प्‍याज, अदरक आदि का सेवन करें। कार्बोहाइड्रेट्स वाले आहार जैसे, पास्‍ता, ब्रेड, फ्राई फूड और जंक फूड से दूर रहें।


मेवे 
बादाम, काजू, अखरोठ और कद्दू के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड तथा एंटी ऑक्‍सीडेंट पाया जाता है जो कि सूजन को कम कर के दर्द दूर करता है।

ऑलिव 
ऑयल इस तेल में कम वसा और बहुत सारा एंटीऑक्‍सीडेंट होता है जो‍ कि हड्डियों तथा दिल के लिये बहुत ही अच्‍छा होता है यह सूजन को कम करता है और मोटापा भी घटाता है।

संतरे का जूस
रिसर्च के अनुसार ठीक प्रकार से विटामिन सी का सेवन करने से हड्डियां कमजोर नहीं होती। नहीं तो हड्डियों की कमजोरी की वजह से ही जोडो़ में दर्द होता है। इसलिये रोजाना संतरे का जूस पिएं जिससे हड्डी तथा स्‍किन दोनों ही अच्‍छे रहें।

साल्‍मन मछली- यह मछली ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्‍दा स्‍त्रोत होती है। यह जोडो़ के दर्द से पैदा हुई सूजन को कम करने में मदद करती है। 
बैरी- स्‍ट्रॉबेरी या ब्‍लूबेरी जोडो़ के दर्द को कम करती हैं और आराम दिलाती हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट खासकर के बायोफ्लेवोनाइड दर्द को बहुत हद तक कम करता है। 
सब्‍जियां- ओमेगा 3 फैटी एसिड अगर बैलेंस ना हो तो जोडो़ का दर्द पैदा हो सकता है इसलिये इसे बैलेंस करने के लिये हरी सब्‍जियां जैसे, पालक, ब्रॉक्‍ली, प्‍याज, अदरक आदि का सेवन करें। कार्बोहाइड्रेट्स वाले आहार जैसे, पास्‍ता, ब्रेड, फ्राई फूड और जंक फूड से दूर रहें।
 मेवे- बादाम, काजू, अखरोठ और कद्दू के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड तथा एंटी ऑक्‍सीडेंट पाया जाता है जो कि सूजन को कम कर के दर्द दूर करता है। 
ऑलिव ऑयल- इस तेल में कम वसा और बहुत सारा एंटीऑक्‍सीडेंट होता है जो‍ कि हड्डियों तथा दिल के लिये बहुत ही अच्‍छा होता है यह सूजन को कम करता है और मोटापा भी घटाता है। 
संतरे का जूस- रिसर्च के अनुसार ठीक प्रकार से विटामिन सी का सेवन करने से हड्डियां कमजोर नहीं होती। नहीं तो हड्डियों की कमजोरी की वजह से ही जोडो़ में दर्द होता है। इसलिये रोजाना संतरे का जूस पिएं जिससे हड्डी तथा स्‍किन दोनों ही अच्‍छे रहें। आहार के साथ ही आपको रोजाना व्‍यायाम भी करना चाहिये। यदि आपके पास ज्‍यादा समय नहीं रहता है तो जौगिंग या लंबी वॉक पर ही निकल जाया करिये। व्‍यायाम करने से मोटापा दूर होगा जो कि जोडो़ में दर्द होने का एक विषेश कारण है।
 

Monday 7 August 2017

इन 4 तरीकों से आप लड़की को सेक्स के लिए उत्तेजित कर सकते हैं

सेक्स करना हर किसी को पसंद है। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि तनाव भरी जिंदगी में कभी लड़की को सेक्स करने का मन होता है तो लड़का राजी नही होता तो कभी लड़की का मन नही होता है। लेकिन इन कारणों से अक्सर आम जीवन में एक तनाव बनने लगता है। लेकिन क्या आपको पता है अगर लड़की का मन नही हो सेक्स करने का और उसे आपको राजी करना हो तो कैसे करोगे। कुछ बेहद आसन और सरल चीजों को अपना कर लड़की को सेक्स के लिए बड़ी आसानी से राजी कर सकते हैं।

1 – लड़की के गर्दन के पीछे किस करें: ऐसा नही होता है की आप पहुंचे और सेक्स करना शुरू कर दें। सेक्स करने से पहले लड़की को राजी करने के लिए उसके साथ थोड़ी प्यार भरी बाते करे और फिर उनके गर्दन को सहलाते हुए उसे kiss करे। इस तरह अंदाज आपके प्रति लड़की को सेक्स के उत्तेजित करेगा।

2 – बॉडी मसाज: लड़का हो या लड़की दोनों थकान से परेशान तो होते हैं। लेकिन सेक्स के पहले आप अपनी महिला साथी के शरीर पर थोड़ा मसाज कर उनके नाजुक अंगो को छुएंगे तो इससे आपकी महिला साथी को एक अलग अनुभव प्राप्त होगा और सेक्स अपने चरम पर पहुंचेगा।

3 – पीछे से कसकर पकड़ना: देखिए प्यार का इजहार करना यह बुरा नही होता है और आप कैसे करते हैं उसपर सब निर्भर होता है। अगर आप लड़की को पीछे से पकड़ के उसके कान में धीरे-धीरे बोले तो उसके अंदर एक उत्तेजना जरुर उठेगी और वह चाहेगी की आप अधिक विलंब न करते हुए शुरू हो जायें।

4- बिस्तर पर मस्ती: बिस्तर पर आने का मतलब सोना नही होता है। लड़की के साथ बिस्तर पर हो तो उसके साथ मस्ती करो फिर उसके कोमल अंगो को kiss करना शुरू करो। जितना धीरे धीरे करोगे उसका मजा उतना तेजी से आएगा। जब लड़की उत्तेजित हो तो आप उनसे सेक्स कर चरम सुख प्राप्त कर सकते हैं।

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Wednesday 2 August 2017

ब्रेस्ट साइज़ कम करने के तरीके – स्तनों का आकार घटाने के घरेलू नुस्खे

बड़े स्तन एक महिला की सुंदरता में काफी वृद्धि करते हैं, परन्तु ज़रुरत से ज़्यादा बड़े स्तन ना सिर्फ उनकी परेशानी बढ़ाते हैं बल्कि कई बार उन्हें इसके लिए शर्मिन्दा भी होना पड़ता है। महिलाएं अपने स्तनों को हमेशा ही सुडौल तथा बेहतरीन बनाना चाहती हैं।

बड़े स्तनों (वक्षों) के मुख्य कारण वज़न का बढ़ना, मोटापा, हार्मोनल परिवर्तन (hormonal changes), स्तनों में दूध बनना (lactation), आनुवांशिकता (genetics) तथा नशीली दवाओं के साइड इफेक्ट्स (side effects) आदि हो सकते हैं। इनसे गले में दर्द, स्तनों का कैंसर (breast cancer),जोड़ों तथा पीठ में दर्द आदि स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। ब्रेस्ट का आकार कैसे कम करें? नीचे स्तनों का आकार कम करने के कुछ उपाय बताये जा रहे हैं।

ब्रेस्ट कम करने के लिए – ग्रीन टी (Reduce breast size in Hindi with green tea)

ग्रीन टी वज़न घटाने में काफी लाभदायक सिद्ध होती है और इसका प्रयोग स्तनों का आकार घटाने में भी किया जा सकता है। ग्रीन टी में कथेचिंस (cathechins) मौजूद होते हैं जो शरीर को कैलोरी (calorie) घटाने में मदद करके शरीर का वसा कम करते हैं और आपका वज़न भी घटाते हैं। यह स्तनों के आकार को भी छोटा करने में भी सहायक होता है। ग्रीन टी स्तनों के कैंसर के खतरे को भी काफी कम करती है। 1 चम्मच ग्रीन टी के पत्तों को एक कप गर्म पानी में मिलाएं। इसे कुछ मिनटों तक ढककर रखें। अब इस मिश्रण को छान लें तथा इसमें थोड़ा शहद मिलाएं। हर रोज़ कुछ महीनों तक 3 से 4 कप ग्रीन टी का सेवन करें।

छाती कम करने के उपाय अंडे का सफ़ेद भाग (Home remedies to breast reduction in Hindi with egg white)

 स्तन का आकार कम करने के लिए अंडे की सफेदी भी स्तनों का आकार कम करने में सहायक होती है। यह आपके स्तनों को सुडौल बनाती है तथा छाती के भाग में कसावट लाकर स्तनों (वक्ष) को छोटा प्रतीत करवाती है। एक अंडे के सफ़ेद भाग को फेंटकर महीन बना लें। इस पेस्ट (paste) को अपने स्तनों के नीचे लगाएं और इसे आधे घंटे के लिए छोड़ दें। अब एक गिलास में प्याज का रस मिश्रित करें। इस मिश्रण से अंडे की सफेदी लगी जगह को धो लें। इस प्रक्रिया का प्रयोग कुछ हफ़्तों के लिए हर रोज़ करें और कसे हुए छोटे स्तन पाएं।

छाती को कम करने के उपाय आहार में परिवर्तन (Desi ilaaj to reduce breast size in Hindi with diet changes)

ऐसे स्वस्थ और संतुलित आहार का चयन करें जिससे आपके शरीर का वज़न नियंत्रित रहे तथा वसा जमने ना पाए। इससे आपके स्तन भी प्राकृतिक रूप से छोटे हो जाएंगे। अपने आहार में जितने हो सकें ताज़े और जैविक फलों को शामिल करें। फल पानी से भरपूर होते हैं और इनमें एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) के गुण होते हैं, जिससे आपको वज़न घटाने और स्वस्थ बने रहने में सहायता मिलती है। केल, ब्रॉकली (kale, broccoli), पालक आदि हरी सब्ज़ियों का ज़्यादा से ज़्यादा सेवन करें। प्रोटीन (protein) प्राप्त करने के लिए मछली का सेवन करें। मछलियों में कैलोरी की मात्रा कम होती है जिससे वज़न घटाने में सहायता मिलती है। नट्स (nuts) का सेवन ज़्यादा करें क्योंकि ये शक्ति से भरपूर होते हैं और आपके वज़न को नियंत्रित करने में सहायता करते हैं। खाने में नमक, अस्वास्थ्यकर वसा तथा चीनी का प्रयोग कम करें। प्रोसेस्ड (processed), चर्बीयुक्त तथा ज़्यादा तली हुए भोजनों से दूर रहें। काफी मात्रा में पानी तथा फल और सब्ज़ियों के रस का सेवन करें। सॉफ्ट ड्रिंक्स (soft drinks) तथा अन्य पेय पदार्थ, जिनमें आर्टिफिशियल स्वीटनर्स (artificial sweeteners) शामिल हों, से परहेज़ करें।

ब्रेस्ट कम करने के उपाय ब्रेस्ट मसाज से (Massage se breast kam karne ke tips in hindi)

मसाज वज़न घटाने का एक सदियों पुराना तरीका है और इससे आपके स्तनों का आकार भी काफी कम हो जाएगा। स्तनों पर मसाज करते समय दोनों स्तनों (वक्ष) को बराबर समय दें। स्तनों पर गर्म जैतून का तेल (olive oil) या नारियल का तेल लगाएं। इस प्रक्रिया के लिए अपने बीच की ऊँगली और अनामिका (ring finger) का इस्तेमाल करें। अपने स्तनों पर गोलाकार तथा ऊपर हाथ चलाने की मुद्रा में करीब 10 मिनट तक मालिश करें। इस प्रक्रिया का पालन कम से कम 3 महीने तक हर रोज़ दो बार करें। इससे स्तनों के आकार में अवश्य कमी आएगी।

ब्रेस्ट कम करने के लिए नीम और हल्दी (Neem and turmeric se breast ka aakar kam)

 नीम और हल्दी स्तनपान के दौरान स्तनों में हुई जलन और सूजन दूर करने में काफी कारगर साबित होते हैं। इन पदार्थों में जलनरोधी गुण होते हैं। इनके प्रयोग से आपके स्तनों का आकार अपने आप ही कम हो जाएगा। 4 कप पानी में 10 मिनट तक मुट्ठीभर नीम की पत्तियों को उबालें और फिर इन्हें छान लें। इन्हें अच्छे से मिलाएं तथा इसमें 2 चम्मच हल्दी और थोड़ा सा शहद डालें। इस पानी को कुछ महीनों तक रोजाना पियें।

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Tuesday 1 August 2017

ब्रेस्ट बढ़ाने के घरेलू उपाय


स्तनों को स्त्री के शरीर का सबसे खूबसूरत और आकर्षक अंग कहा जाता है। यह स्त्रीत्व का प्रतीक हैं। यदि आपमें से कोई ऐसा है जो अपने स्तनों के आकर को लेकर संतुष्ट नहीं है तो आपको निराश होने की ज़रूरत नहीं है। आप अपने स्तनों को बढ़ाने के लिए कुछ सरल घरेलू उपचारों की मदद ले सकती हैं।

1. स्तन बढ़ाने के घरेलू उपाय करें व्यायाम से – Exercises for Breast Enhancement in Hindi

 सुडौल और बड़े आकार के स्तन पाने में व्यायाम हमेशा ही सबसे उपयोगी साबित हुए हैं। स्तन को बढ़ाने के लिए आप पुश-अप, डम्बल से ब्रेस्ट प्रेस, वाल प्रेस आदि व्यायाम कर सकती है। इन व्यायामो में बाजुओं और कंधों की गतिविधियाँ भी शामिल है जो स्तन क्षेत्र के आसपास की त्वचा और मांसपेशियों के ऊतकों को टोन करती है। इससे आपके स्तनों को मजबूती मिलेगी और बड़े दिखाई देंगे।

2. ब्रेस्ट बढ़ाने का उपाय है जैतून के तेल से मालिश – Increase Breast Size By Massage in Hindi

मालिश आपके स्तनों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। आपको हर दिन एक या दो बार 20 मिनट के लिए अपने स्तनों की नियमित रूप से मालिश करनी चाहिए। आप इसके लिए गुनगुने जैतून के तेल का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा आप तिल के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं। कम से कम दो महीने के लिए ऐसा रोजाना करें।
थाई ट्रेडीशनल और ऑल्टर्नटिव मेडिसिन संस्थान के अनुसार नियमित रूप से स्तनों की मालिश आपके स्तनो का आकार बढ़ा सकती है। मालिश दो तरीकों से मदद करती है। सबसे पहले यह रक्त परिसंचरण को बढ़ाती है और दूसरा इससे ऊतकों को स्तन के भीतर फैलने में मदद मिलती है जिससे स्तन बड़े और मजबूत होते हैं।
गर्मी उत्पन्न करने के लिए अपने हथेलियों में तेल को लेकर दो से तीन मिनट के लिए रगड़ें।
अपने हाथो को अपने स्तनों पर रखें और अंदर की ओर एक गोल दिशा में घुमाएं।
सुबह और फिर बिस्तर पर जाने से पहले कम से कम 100 से 300 बार गोल दिशा में घुमाएं।
सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए एक या दो महीने के लिए दिन में दो बार इस उपाय का पालन करें।

3. ब्रेस्ट बढ़ाने की दवा है मेथी – Fenugreek Helps to Increase Breast Size in Hindi

  मेथी एक बहुत ही उपयोगी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो महिलाओं के स्तनो के आकार को बड़ा करना के लिए भी काम आती है। इसमें शक्तिशाली फाइटोस्टेग्रन्स शामिल होता हैं जो एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन की उत्तेजना से स्तनों के आकार को बढ़ाने में सहायता करते हैं। उपयोग के लिए, आप मेथी पाउडर और पानी को मिलाकर पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को स्तनों पर लगाएँ और 15 मिनट के बाद धो लें। आप ऐसा दिन में दो बार कर सकते हैं।

4. स्तन बढ़ाने का घरेलू नुस्ख़ा है प्याज का रस – Stan Badhane ki Dawa Onion Juice in Hindi

 प्याज का रस स्वस्थ और बड़े स्तनों को बढ़ावा देने में सहायक होता है। हर रात सोने से पहले शहद के साथ प्याज का रस मिलाकर स्तनों की मसाज करें। रात भर इस मिश्रण को लगाकर रखें और सुबह उठने के बाद धो लें। यह उपाय स्तनों का आकर बढ़ाने में फायदेमंद साबित होगा। आप ऐसा दैनिक रूप से कर सकते हैं।

5. ब्रेस्ट बड़ा करने के उपाय करें सौंफ़ बीज से – Fennel Seeds Benefits for Breast Growth in Hindi

 स्तनो का आकार बढ़ाने के लिए सौंफ़ बीज का भी उपयोग किया जा सकता है। यह एस्ट्रोजेन के उत्पादन को उत्तेजित करने में मदद करती है, एस्ट्रोजेन एक महिला हार्मोन है जो स्तनों के विकास को बढ़ावा देता है। सौंफ़ के बीज का उपयोग करने के लिए कॉड लिवर के तेल में सौंफ़ के बीज को गर्म करें जब तक तेल लाल नहीं हो जाता है। इसे ठंडा करने के बाद, अपने स्तनों की इस तेल के साथ 15 मिनट के लिए मालिश करें और एक घंटे बाद धो लें। इस उपाय को दिन में दो बार दोहराएं।

6. स्तन बढ़ाने के घरेलू उपचार करें केले से – Bananas Helps in Breast Enlargement in Hindi

 आप शायद इस तथ्य से परिचित होंगे कि स्तन वसा से बने होते हैं। तो बड़े और फुलर स्तनों को विकसित करने के लिए, आपको वसा की आवश्यकता होगी। इसलिए इसका एक अच्छा तरीका है केले का सेवन करना। यह आपके स्तन के विकास के लिए आवश्यक वसा पोषण प्रदान करने में मदद करेगा। आप रोजाना 2-3 केले खा सकते हैं।


7. ब्रेस्ट बढ़ाने का तरीका है शतावरी पाउडर – Breast Size Badhane ka Tarika Shatavari in Hindi

  शतावरी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो कई स्वास्थ्य संबंधी विकारों में फायदेमंद है। महिलाओं की हर प्रकार की समस्याओं में यह बहुत लोकप्रिय है। इसका नियमित रूप से सेवन आपके स्तनों को बढ़ाने में मदद करेगा। आप सोने से पहले एक कप दूध के साथ 3 ग्राम शतावरी जड़ के पाउडर का सेवन कर सकते हैं। लगभग 2 महीने के लिए इसका सेवन रोज करें।

8. स्तन बढ़ाने के उपाय करें मसूर की दाल से – Red Lentils for Breast Growth in Hindi

 आम तौर पर इसे लाल मसूर की दाल के रूप में जाना जाता है, लाल दालें फ़्योटोस्ट्रोजन से भरी हुई है। ये हार्मोन स्तन ऊतक के विकास में सहायक होते हैं। इस सरल घरेलू उपाय का उपयोग करने के लिए, आपको सबसे पहले 2 घंटे के लिए गर्म पानी में लाल दाल को भिगोना होगा। इसके बाद इसका पेस्ट तैयार करें और अपने स्तनों पर लगाएँ और आधे घंटे के बाद धो लें। आप हर रोज या हर दूसरे दिन ऐसा कर सकते हैं।


9. ब्रेस्ट मसाज तेल है वीट जर्म ऑइल – Stan Badhane ka Tarika Wheat Germ Oil in Hindi

 यह तेल विटामिन ई जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरा हुआ है जो फुलर और सुडौल स्तनों को विकसित करने में सहायता करता है। इस तेल के साथ नियमित रूप से मालिश आपके स्तनों को बढ़ाने में सहायता करेगी। आप इस तेल के कुछ बूंद लें और मालिश करने से पहले अपने दोनों हथेलियों को थोड़ा गर्म करने के लिए रगड़ें। लगभग 10 मिनट के लिए दिन में दो बार मालिश करें।


10. स्तन बढ़ाने की दवा है मूली – Radish Increases Breast Size in Hindi

 मूली स्तनों के रक्त प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है। इससे स्तनो की वृद्धि में मदद मिलती है। अपने आहार में मूली को शामिल करें और नियमित आधार पर इसका उपभोग करें।

11. ब्रेस्ट साइज के लिए लाभकारी है लाल क्लोवर – Red Clover for Breast Enhancement in Hindi

 लाल क्लोवर को सामान्यत त्रिपात्रा के रूप में भी जाना जाता है। लाल तिपतिया घास स्तन वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए फायदेमंद है। इसमें फाइटोस्टारोगन है जो स्तन के ऊतको के विकास को उत्तेजित करता है। आप 10 मिनट के लिए एक गिलास पानी में इस जड़ी बूटी के सूखे फूलो को उबालकर लाल क्लोवर चाय तैयार कर सकते हैं। प्रभावी परिणाम के लिए हर दिन इस चाय के 2 कप पिएं।


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